भगवान श्री कृष्ण सबसे पहले सुबह में अपने माता पिता रात चरण स्पर्श कर कर सूर्य का जल अर्पण करते थे तथा अपने पर जाओ के लिए राज दरबार में एकत्र होते थे यह तो सभी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ। गोकुल और वृंदावन में उनका बचपन बिता और फिर किशोरावस्था में वे मुथरा में रहकर कंस वध के बाद जरासंध से युद्ध करते रहे। बाद में उन्होंने प्रभाष क्षेत्र में समुद्र के किनारे बसी उजाड़ नगरी कुशस्थली पर द्वारिका नगर का निर्माण कराया और वे वहां रहने लगे। प्रभास क्षेत्र में ही उन्होंने देह त्याग दी थी। इस विशिष्ट स्थल या देहोत्सर्ग तीर्थ नगर के पूर्व में हिरण्या, सरस्वती तथा कपिला के संगम पर बताया जाता है। इसे प्राची त्रिवेणी भी कहते हैं। इसे भालका तीर्थ भी कहते हैं। आओ जानते हैं प्रभु श्रीकृष्ण की दिनचर्या क्या है या वे प्रतिदिन क्या करते हैं।