google.com, pub-7094467079818628, DIRECT, f08c47fec0942fa0 हनुमान जी अपने शक्तियों को किस कारण भूल गए

हनुमान जी अपने शक्तियों को किस कारण भूल गए

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देवताओं के द्वारा रचित लीला अनुसार हनुमान जी को सुबह के वक्त सूर्य कर देख कर उन्हें लड्डू समझ लिया जनवरी को खाने चले और वह सूर्य को लड्डू समझ कर खा भी लिए आईए इश्क कथा को और विस्तार से समझते हैंश्री  सीता हरण के बाद हनुमानजी और श्रीराम का मिलन हुआ और हनुमानजी ने श्रीराम को सुग्रीव, जामवंत आदि वानरयूथों से मिलाया। फिर जब लंका जाने के लिए रामसेतु बनाया गया तो श्रीराम ने हनुमानजी को लंका जाने का आदेश दिया, परंतु हनुमानजी ने लंका जाने में अपनी असमर्थता जताई तब जामवंतजी ने हनुमानजी को उनकी शक्तियों की याद दिलाई। परंतु सवाल यह है कि हनुमानजी अपनी शक्ति क्यों भूल गए थे?
 

 
दरअसल, हनुमानजी को कई देवताओं ने विभिन्न प्रकार के वरदान और अस्त्र-शस्त्र दिए थे। इन वरदानों और अस्त्र-शस्त्र के कारण बचपन में हनुमानजी उधम मचाने लगे थे। खासकर वे ऋषियों के बगीचे में घुसकर फल, फूल खाते थे और ब‍गीचा उजाड़ देते थे। वे तपस्यारत मुनियों को तंग करते थे। उनकी शरारतें बढ़ती गई तो मुनियों ने उनकी शिकायत उनके पिता केसरी से की। माता-पिता में खूब समझाया कि बेटा ऐसा नहीं करते, परंतु हनुमानजी शरारत करने से नहीं रुके तो एक दिन अंगिरा और भृगुवंश के ऋषियों ने कुपित होकर उन्हें श्राप दे दिया कि वे अपने शक्तियों और बल को भूल जाएंगे परंतु उचित समय पर उन्हें उनकी शक्तियों को कोई याद दिलाएगा तो याद आ जाएगी।
 
फिर जब हनुमानजी को श्रीराम का कार्य करना था तो जामवंत जी का हनुमानजी के साथ लंबा संवाद होता है। इस संवाद में वे हनुमानजी के गुणों का बखान करते हैं और तब हनुमानजी को अपनी शक्तियों का आभास होने लगता है। अपनी शक्तियों का आभास होते ही हनुमानजी विराट रूप धारण करते हैं और समुद्र को पार करने के लिए उड़ जाते हैं।

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