पांडव कितने वर्षों के शासन के बाद हिमालय गए ! After how many years of ruling Pandavas went to Himalayas
एक ऋषि ने पांडवों को सलाह दी कि आपका उद्देश्य पूरा हो गया है, इसलिए अब आपको हिमालय की ओर अंतिम यात्रा पर प्रस्थान करना चाहिए। इसके बाद अर्जुन के पौत्र परीक्षित को राज-पाठ सौंप कर पांडव द्रौपदी के साथ अपनी अंतिम यात्रा के लिए हिमालय की ओर निकल पड़े।पांडवों ने हस्तिनापुर में किया 36 साल शासन
महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों के जीत हुई। युधिष्ठिर को हस्तिनापुर का राजा घोषित किया गया। उनके के नेतृत्व में पांडवों का राज पूरे 36 साल चला। युधिष्ठिर के राजतिलक के समय गांधारी ने कौरवों के नाश के लिए श्रीकृष्ण को दोषी ठहराते हुए शाप दिया कि जिस प्रकार कौरवों के वंश का नाश हुआ है, वैसे ही यदुवंश का भी नाश होगा। गांधारी के अनुसार, भगवान कृष्ण के पास युद्ध को रोकने की दिव्य शक्ति थी और किसी एक पक्ष में जाने का विकल्प। मगर, उन्होंने युद्ध होने दिया।
यादव कुल का नाश
गांधारी के दिए श्राप का असर यादवों पर होने लगा। श्राप के चलते श्री कृष्ण की द्वारका की हालत बिगड़ने लगी। कृष्ण सारे यादव कुल को प्रभास ले गए, लेकिन वहां भी हिंसा से पीछा नहीं छूटा। पूरा यादव कुल एक-दूसरे के खून का प्यासा हो गया और पूरा वंश ही आपस में लड़कर खत्म हो गया। इस नरसंहार में सिर्फ भगवान कृष्ण, बलराम, दरुका और वभ्रू ही बचे।
प्रभास नरसंहार के बाद भगवान कृष्ण ने वन में ध्यानमग्न होने का निर्णय लिया। जब वह ध्यान में लीन थे, तो जारा नाम के शिकारी ने वन में हिरण का शिकार करते समय तीर चलाया, जो कृष्ण के पैर में लगा। तीर लगने के बाद भगवान कृष्ण ने शिकारी के सामने ही विष्णु का रूप धारण किया और नश्वर शरीर को त्याग दिया।