महाभारत काल के स्तूप की व्याख्या करें ! Explain stupa during Mahabharata age
समय बीत गया अगस्त रूपों का नाम निशान भी मिटते गया जैसे आजकल मकान 100 बरस से अधिक नहीं सकता उसी प्रकार महाभारत काल के स्तूप का निर्माण भी बहुत साल पहले ही नष्ट हो गया लेकिन उनके गांव ना धरो आदि को आज भी लोग वैसे ही जानते हैं और और नामों को भी चेंज किया गया है महाभारत का स्तुति भी मिलता है जिसे जानकारी ले सकते हैं
महाभारत काल के स्तूप और नगर गांव शहर जनपद समय धीरे-धीरे पिता गया और उनका नाम भी चेंज होते गया नाम के बदला में हालांकि बहुत से ऐसे भी शहर है जी मैं आज भी उन्हें नामों से पुकारा जाता है जिन नामों में महाभारत काल में पुकारा जाता था इंजॉय मथुरा काशी जगन्नाथ द्वारिका बद्रीनाथ गंगोत्री सोमनाथ आधी ऐसे जगह है अस्तु पर है या कहीं गाव शहर हैं उनका नाम भी अभी महाभारत काल के ही जैसे
है कुरुक्षेत्र जो आज भी कुरुक्षेत्र इन कहा जाता है जो हरियाणा स्थित है कुरुक्षेत्र के पास अब मनु पूर्व था जिसे समय बीतने के बाद वर्तमान में इसे अमीन के नाम से भी जानते हैं कुरुक्षेत्र के पास ही जयंता नाम का एक चित्र है जिसे वर्तमान में अभी जींद नाम रखा गया है जिन अब हरियाणा के एक जिला बन गया है जो बहुत ही आकर्षक उसी तरह पानी प्रस्तुत को पानीपत सम प्रस्त को सोनीपत त्यागपत्र को बाघ पत्र के नाम से जाना जाता है बागपत उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा क्षेत्र है हाल ही में उत्खनन में महाभारत काल का प्रसिद्ध विशेष बताया गया यहां से महाभारत के समय उसे निधान होता था